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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2693
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।

अथवा
आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले तत्व बताइए।

उत्तर -

आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले कारक
(Factors Affecting Meal Planning)

अच्छे आहार का आयोजन एक बहुत बड़ी कला है। इसे कई कारक प्रभावित करते हैं, जो निम्नलिखित हैं-

1. परिवार की आर्थिक स्थिति 2. समय व खाद्य साधनों की उपलब्धता, 3. पोषक तत्वों की आवश्यकता 4. भौगोलिक स्थिति 5. सामाजिक कारक, 6. सांस्कृतिक एवं धार्मिक तत्व।

1. परिवार की आर्थिक स्थिति या आर्थिक कारक

आहार का आयोजन पूर्णतः आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। जिस तरह की आर्थिक स्थिति हो उसी के अनुरूप ही खाद्य पदार्थों का चयन किया जाता है यही कारण है कि निम्न आय वर्ग के आहार में अनाजों की अधिकता रहती है, जबकि उच्च आय वर्ग के आहारों में अनाज कम तथा दूध दही, मेवे, मिष्ठानों आदि की प्रधानता रहती है।

नीचे तालिका में तीनों वर्ग के परिवारों के लिए एक दिन भर के लिए आहार योजना नमूने के तौर पर दी जा रही है -

उच्चवर्गीय परिवार

सुबह का नाश्ता चाय, नींबू पानी, दूध, अण्डा, डबलरोटी, मक्खन, जैम, सेब, पनीर।
दोपहर का खाना मटर पुलाव, चपाती, दही-बड़ा, चिकन करी, गोभी की सब्जी, सलाद, आइसक्रीम।
शाम की चाय चाय, कॉफी दूध, फल का रस, बर्फी, पेटीज, या सैण्डविच
रात का खाना सूप, सलाद, मटर पनीर की सब्जी, मशरूम की सब्जी, नॉन, पुडिंग फल

मध्यम वर्गीय परिवार

सुबह का नाश्ता चाय, पराठा, आलू सब्जी, दूध की चाय, केला।
दोपहर का खाना चावल, दाल, आलू गोभी की सब्जी, चपाती, सलाद, चटनी।
शाम की चाय पकौड़े शक्कर पारे, चाय या दूध
रात का खाना खिचड़ी, दही, पापड़, अचार, चपाती, मटर की सब्जी, फ्रूट सलाद।

निम्नवर्गीय परिवार

सुबह का नाश्ता चाय, डबल रोटी, नमकीन रोटी
दोपहर का खाना चावल, बैंगन की सब्जी अमरूद
शाम की चाय चाय, मुरमुरा या लाई का लड्डू
रात का खाना रोटी, चौलाई की सब्जी, कढ़ी, गुड़

2. समय व खाद्य साधनों की उपलब्धता
(Availability and Material Resources)

आहार आयोजन को यह तत्व बहुत अधिक प्रभावित करता है कि भोजन तैयार करने के लिए महिला के पास कितना समय उपलब्ध है। पुराने समय में गृहणियों के पास आहार आयोजन के लिए पर्याप्त समय हुआ करता था। परन्तु आज महिलाओं के पास बहुत कम समय उपलब्ध है। अतः उन सब व्यंजनों का आयोजन करना बेकार है जिन्हें बनाने में काफी सयम लगता है तथा जिसके बनाने की प्रक्रिया लम्बी है। जैसे रसोई के लिए आजकल आधुनिक तकनीक से निर्मित उपकरण उपलब्ध है जिनकी वजह से आहार आयोजन में लगने वाला समय घटा है। कुछ बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आहार आयोजन करने पर समय व शक्ति की बचत और अधिक की जा सकती है।

1. लम्बी प्रक्रियाओं से गुजारकर तैयार होने वाले खाद्य पदार्थों को भोजन में स्थान न दें। 2. ऐसे आहार या खाद्य पदार्थ जो एक साथ ज्यादा मात्रा में तैयार हो जायें उन्हें आहार आयोजन में स्थान दें। 3. बेक किये हुए व्यंजन भी आहार आयोजन में अवश्य सम्मिलित किये जायें 4. एक साथ दो, तीन पदार्थ मिलाकर यदि व्यंजन तैयार किए जाते हैं तो भी बहुत सुविधा रहती है।

3. पोषक तत्वों की आवश्यकता (Requirements of Nutrients)

आहार आयोजन करते समय के वल स्वाद की ओर ध्यान न देकर भोजन की पौष्टिक ता व पर्याप्तता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। सभी भोज्य समूहों से खाद्य पदार्थों का चुनाव किया जाए ताकि आहार संतुलित बन सके। प्रमुख चार, भोज्य समूहों में से खाद्य पदार्थ चुने जाये। ये चार समूह निम्न है -

1. दाल, दूध, अण्डा, माँस, मछली समूह। 2. पत्तेदार सब्जियाँ, पीले नारंगी फल। 3. अनाज व उनसे बने पदार्थ। 4. शक्कर व वसा।

 आहार आयोजन करते समय यह भी ध्यान में रखा जाये कि किस उम्र, लिंग व क्रियाशीलता वाले सदस्य घर में हैं घर में वयस्कों व बुजुर्गों की संख्या अधिक होने पर फलों सब्जियों व दूध आदि का चुनाव अधिक किया जाये।

4. भौगोलिक स्थिति
(Geographical Location

किसी देश व स्थान की भौगोलिक स्थिति का भोजन से सम्बन्धित आदतों पर प्रभाव पड़ता है समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के आहार में मछली की प्रमुखता रहती है, वहीं समुद्र से दूर स्थित क्षेत्रों में मछली यदा कदा ही प्रयोग में लायी जाती है किसी क्षेत्र विशेष में उगायी जाने वाली फसलों का भी उस स्थान के लोगों की भोजन सम्बन्धित आदतों पर प्रभाव पड़ता है। वे उन्हें आहार में प्रमुख खाद्य पदार्थ के रूप में सम्मिलित करते हैं बाहरी स्थानों से लाये जाने वाले खाद्य पदार्थ जो कि तुलनात्मक रूप से महँगें होते हैं, कम प्रयोग में लाये जाते हैं।

5. सामाजिक कारक
(Social Factors)

भोज्य पदार्थों को कुछ सामाजिक मूल्य भी प्रदान कर दिया गया है। महँगे तथा मुश्किल से उपलब्ध खाद्य पदार्थों को प्रतिष्ठित खाद्य पदार्थों में गिना जाता है। अन्य खाद्य पदार्थों से अलग हटकर जिन खाद्य पदार्थों का फ्लेवर होता है। वे खाद्य पदार्थ जिन्हें बनाने में लम्बी प्रक्रिया व समय लगता है। प्रतिष्ठित खाद्य पदार्थ माने जाते हैं। उच्चवर्गीय व्यक्ति इन प्रतिष्ठित खाद्य पदार्थों को ही अपने दैनिक आहार में शामिल कर लेते हैं, चाहे इन खाद्य पदार्थों का पोषण मूल्य उच्च न हो। सस्ते या आसानी से उपलब्ध या जल्दी उपलब्ध हो जाने वाले खाद्य पदार्थों को निम्न स्तर का दर्जा दिया जाता है। उच्चवर्गीय परिवार तो इन्हें निम्न स्तरीय मानते हुए आहार में स्थान ही नहीं देना चाहता भले ही इसका पोषण बहुत उच्च क्यों न हो।

6. सांस्कृतिक एवं धार्मिकत्व
(Cultural and Religious Factors)

सांस्कृतिक परिवेश तथा रीति-रिवाज किसी भी भोज्य पदार्थ के प्रचलन या उपयोग में लाने का कारण बन जाते हैं। मान्हेगो तथा ली के अनुसार किसी भी परिस्थिति विशेष में व्यक्ति के द्वारा ग्रहण किया जाने वाला भोजन वास्तव में उसके परिवार के संस्कार से ही निश्चित होता है। संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होते हैं तथा इनके द्वारा ही व्यक्ति के सम्पूर्ण रहन-सहन का तरीका भी प्रभावित होता है। संस्कारों का प्रभाव व्यक्ति के भोजन पर भी पड़ता है। भोजन से सम्बन्धित आदतें इतने पुराने समय से चली आ रही हैं। इन आदतों में आसानी से परिवर्तन नहीं लाया जा सकता तथा व्यक्ति की भोजन से सम्बन्धित आदतें देख कर उनकी सामाजिक संरचना, आर्थिक, स्थिति, धार्मिक परिवेश तथा विभिन्न पदार्थों के विविध उपयोगों के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
  2. प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  6. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  7. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  8. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  9. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
  11. प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
  12. प्रश्न- भोजन क्या है?
  13. प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
  14. प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
  15. प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
  16. प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
  17. प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
  18. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
  19. प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
  20. प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
  21. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
  22. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
  23. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
  24. प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
  25. प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
  26. प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  27. प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
  28. प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
  29. प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
  30. प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
  31. प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
  32. प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
  34. प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
  35. प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
  36. प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
  37. प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
  38. प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
  40. प्रश्न- विटामिन
  41. प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
  43. प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
  44. प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
  45. प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
  46. प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
  47. प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
  50. प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
  51. प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
  52. प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
  53. प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
  54. प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
  55. प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
  57. प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
  58. प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
  59. प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  60. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
  61. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  62. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  63. प्रश्न-
  64. प्रश्न-
  65. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  66. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  67. प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
  68. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  69. प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
  70. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
  74. प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
  76. प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  78. प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  79. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  81. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  82. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  83. प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  85. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
  86. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
  87. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  89. प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
  90. प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
  91. प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
  92. प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
  93. प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
  94. प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
  95. प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
  96. प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
  97. प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
  98. प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
  100. प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
  101. प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
  102. प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
  103. प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
  104. प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
  105. प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।

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